प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँगेजना पु क्रि॰ सं॰ [सं॰ अङ्ग=शरीर+एज=हिलना, कँपना]

१. सहना । बरदाश्त करना । उठना । उ॰—रह सका काम का सुखी सुंदर, कौन सा अंग दुख अँगेजे पर ।—चोखे॰, पृ॰ २१ ।

२. अंगीकार करना । स्वीकार करना । उ॰—इक मरिबै कौ छाड़ि कहा जौ नाहिं अँगेज्यौं ।—रत्नाकर, भा॰ १, पृ॰ ८० ।