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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँगुरी † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अङ्गरी]

१. उँगली । उ॰—तीजे मास हस्त पग होंहिं चौथ मास कर अँगुरी सोहिं ।—सूर॰, ३ ।३ । क्रि॰ प्र॰—चटकाना=दे॰ 'उँगली चटकाना' । उ॰—योवन के मद संग ढरै अँग अंग मुरै अँगुरी चटकावै ।—देव ग्रं॰, पृ॰ १२ ।

२. वरक पीटने की चाँदी । यौ॰—अँगुरी की चाँदी=यह चाँदी सिल की चाँदी को खब साफकरके बनाई जाती है । इसी को पीटकर चाँदी का वरक बनाते हैं ।