अँगुछाना क्रि॰ स॰ [सं॰ अँगुछा से नाम॰] दे॰ 'अँगोछना' उ॰—मनन सुनीर अन्हवाह अँगुछाय दया, नवनि बसन प्रन सोधी ले लगाइये ।—भक्तमाल (प्रि॰), छं॰ ३ ।