हरजा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन
शब्दसागर सम्पादन
हरजा ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ हर+जा (=जगह)] संगतराशों की यह टाँकी जिससे वे सतह को हर जगह बराबर करते हैं । चौरस करने की छेनी । चौरसी ।
हरजा ^२ अव्य॰ हर जगह । हर एक स्थान पर [को॰] ।
हरजा ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰ हरज, हर्ज]
१. हरज । हर्ज ।
२. हरजाना ।
३. हानि । नुकसान ।