प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सट्टा ^१ संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. वह इकरारनामा जो काश्तकारों में खेत के साझे आदि के संबंध में होता है । बटाई ।

२. वह इकरारनामा जो दो पक्षों में कोई निश्चित काम करने या कुछ शतें पूरी करने के लिये होता है । इकरारनामा । जैसे,—बाजेवालों को पेशगी रुपया दे दिया, पर उनसे सट्टा नहीं लिखाया ।

सट्टा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ हाट या सट्टी]

१. वह स्थान जहाँ लोग वस्तुएँ खरीदने बेचने के लिये एकत्र होते हैं । हाट । बाजार ।

२. बाजार की तेजी मंदी के अनुमान के आधार पर अधिक लाभ को दृष्टि से की हुई खरीदफरोख्त जो एक प्रकार का द्यूत माना जाता है । दे॰ 'सट्टेबाज' । यौ॰—सट्टा बाजार = वह बाजार जहाँ सट्टे का काम होता है । सट्टेबाज ।

सट्टा ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. एक प्रकार का पक्षी ।

२. बाजा ।

सट्टा बट्टा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सटना + अनु॰ बट्टा]

१. मेल मिलाप । हेल मेल ।

२. सिद्धि के लिये की हुई धूर्ततापूर्ण युक्ति । चालबाजी । मूहा॰—सट्टा बट्टा लड़ाना = अपना कार्य सिद्ध करने के लिये किसी प्रकार की युक्ति करना ।