हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

संकना पु † क्रि॰ अ॰ [ सं॰ शङ्कन]

१. शंका करना । संदेह करना ।

२. डरना । भयभीत होना । उ॰—पाँइ परे पलिका पै परी चिय संकति सौतिन होति न सौंहीं ।—देव (शब्द॰) ।