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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वंगाली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वङ्गाली] भैरव राग की एक रागिनी । विशेष—यह ओड्व जाति की है और इसमें ऋषभ तथा धैवत स्वर नहीं लगते । कल्लिनाथ के मत से यह संपूर्ण जाति की है और इसमें दो बार मध्यम आता है ।