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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

लोक सृष्टि सिरजति यह माया । तुम तें दूरि मलमई काया । नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३१५ ।