लक्षन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ लक्षण] दे॰ 'लक्ष्मण-१' । उ॰—बाण की वायु उड़ाय कै लक्षन लक्षि करों अरहा समत्थहिं ।— केशव (शब्द॰) ।