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क्रिया

अनुवाद


प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

रहना क्रि॰ अ॰ [सं॰ राज (=विराजना, सुशोभित होना), पुं॰ हिं॰ राजना]

१. स्थित होना । अवस्थान करना । ठहरना । जैसे,—अगर कोई यहाँ रहे, तो मैं वहाँ से हो आऊँ ।

२. स्थान न छोडना । प्रस्थान न करना । न जाना । रुकना । थमना । मुहा॰—रह चलना या जाना=प्रस्थान करने का विचार छोड़ देना । रुक जाना । ठहर जाना । उ॰—रहि चलिए सुंदर रघुनायक । जो सुत तात बचन पालन रत जननिउ तीत मानिबे लायक ।—तुलसी (शब्द॰) ।

३. बिना किसी परिवर्तन या गति के एक ही स्थिति में अवस्थान करना । उ॰—नीके है छोंके छुए ऐसे ही रह नारि ।— बिहारी (शब्द॰) । मुहा॰—रहने देना=(१) जिस अवस्था में हो, उसी में छोड़ देना । हस्तक्षेप न करना । (२) जाने देना । कुछ ध्यान न देना । रहा जाना=शांति या स्थिरतापूर्वक अवस्थान करने में समर्थ होना । संतुष्ट होना । उ॰—(क) वृषभ उदर व्रत रहा न जाई ।—रघुराज (शब्द॰) । (ख) अब तो चपला से न रहा गया, वह केतकी का झोंटा पकड़ने को दौड़ी ।—देवकी- नंदन (शब्द॰) । (ग) पिता को आते देख राजकुमार से न राहा गया । वे तुरंत आगे बढे़ और निकट पहुँचकर सादर प्रणाम किया ।—देवकीनंदन (शब्द॰) । विशेप—इस अर्थ में अधिकतर प्रयोग 'नहीं' के साथ होता है ।

४. निवास करना । बसना । जैसे,—आप कई पीढियों से कलकत्ते में रहते हैं ।

५. कुछ दिनों के लिये ठहरना या टिकना । अस्थायी रूप से निवास करना । उ॰—एहि नैहर रहना दिन चारी ।—जायसी (शब्द॰) ।

६. किसी काम में ठहरना । कोई काम करना बंद करना । थमना । उ॰—रहो रहो, मेरे लिये क्यों परिश्रम करती हो ।—लक्ष्मण (शब्द॰) ।

७. चलना बंद करना । रुकना । उ॰—हाँ, डर ही से तो सिमट समट चलता है रह रहकर ।—प्रतापनारायण (शब्द॰) ।

८. विद्य- मान होना । उपस्थित होना । जैसे,—हमारे रहते कोई ऐसा नहीं कर सकता । मुहा॰—किसी के रहते=किसी की विद्यमानता में । मोजूदगी में ।

९. चुपचाप समय बिताना । कुछ न करना । उ॰—(ख) स्याही बारन तें गई मन तें भई न दूर । समुझि चतुर चित बात यह रहत बिसूर बिसूर ।—रसनिधि (शब्द॰) । (ख) धरम बिचारि समुझि कुल रहई । सो निकिष्ट तिय स्त्रुति अस कहई ।— तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰—रह जाना=(१) कुछ कार्रवाई न करना । जैसे,—तुम्हारे ख्याल से हम रह गए, नहीं तो एक चपत देते । (२) सफल न होना । लाभ न उठा सकना । जैसे,—सब पा गए, तुम रह गए ।

१०. नौकरी करना । काम काज करना । उ॰—उसने जवाब दिया—मैं मालिन हूँ; यह नहीं कह सकती कि किसके यहाँ रहती हूँ और ये फूल के गहने किसके वास्ते लिए जाती हूँ ।—देवकीनंदन (शब्द॰) ।

११. स्थित होना । स्थापित होना । जैसे,—दूसरे ही महीने उसे पेट रहा ।

१२. समागम करना । मैथुन करना ।

१३. जीवत रहना । जीना । उ॰—रहते कौन अधार दुसह दुर्ग पिय विरह भौ । कर न राखते त्यार ध्यान जखीरा नैन जौ ।—रसनिधि (शब्द॰) ।

१४. रखेली के रूप में रहना । किसी की रखेली होकर दिन बिताना ।

१५. बतना । छूट जाना । अवशिष्ट होना । उ॰—(क) कीन्हेसि जियन सदा सब चहा । कीन्हेसि मीचु न कोई रहा ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) ओर जो बातें भगमानी से कहने को रह गई थीं, उनको भी उसी भँति धीरे धीरे उसने उससे कहा ।—अयोध्या (शब्द॰) । यौ॰—रहा सहा = बचा बचाया । अवशिष्ट । थोड़ा जो बाकी था । जैसे,—तुम्हारे चले जाने से उनका रहा सहा उत्साह भी जाता रहा । मुहा॰—(अंग आदि का) रह जाना = थक जाना । शिथल हो जाना । जेसे,—(क) लिखते लिखते हाथ रह गया । (ख) चलते चलते पैर रह गए । रह जाना= (१) पीछे छूट जाना । जैसे,— मेरी छड़ी वहीं रह गई है । (२)अवशिष्ट होना । खर्च या व्यवहार से बचना । जैसे,—मेरे पास यही पुस्तक रह गई है । विशेष—अवस्थानसूचक आस क्रिया का प्रयोग बहुत व्यापक है । प्रधान क्रिया के अतिरिक्त यह ओर क्रियाओं के साथ संयुक्त होकर भी आती है । जैसे,—आ रहा है; जा रहते हैं ।

रहना संज्ञा पुं॰ शेर, बाघ आदि के रहने का स्थान । वन का वह विभाग जहाँ शेर, चीते आदि के रहने की माँदें हों । इसे 'रमना' भी कहते हैं ।