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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

मूत ^१ वि॰ [सं॰] निवद्ध । बाँधा हुआ । संयत ।

मूत ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मूत्र]

१. वह जल जो शरीर के विषैले पदार्थों को लेकर प्राणियों के उपस्य मार्ग से निकलता है । पेशाव । विशेष—दे॰ 'मूत्र' । मुहा॰—मूत्र निकल पड़ना=डर के मारे वुरी दशा हो जाना । जैसे,—उसे देखेगें तो मूत्र निकल पड़ेगा । मूत से निकलकर गू में पड़ना=और भा बुरी दशा में जा पड़ना ।

२. पुत्र । संतान । (तिरस्कार) ।