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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

मीरी संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ मीर+ई (प्रत्य॰)]

१. मीर होने का भाव ।

२. खेल में किसी लड़के का सर्वप्रथम होना ।

३. खेल में लड़कों का अपना दाँव खेलकर खेल से अलग हो जाना ।