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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

भगवद्रस संज्ञा पुं॰ [सं॰] भगवदभक्ति का आनंद । उ॰—भगवद्रस में सदा मगन रहित हैं ।—दो सौ बावन॰, भा॰ १, पृ॰ २२८ ।