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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

प्रयत्न संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह क्रिया जो किसी कार्य को, विशेषतः कुछ कठिन कार्य को, पूरा करने के लिये की जाय । किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये की जानेवाली क्रिया । विशेष यत्न । प्रयास । अव्यवसाय । चेष्टा । कोशिश । जैसे,—बिना प्रयत्न के कुछ भी नहीं प्राप्त हो सकता ।

२. न्यायसूत्र के अनुसार आत्मा के छह गुणों अथवा साधनचिह्नों में से एक । प्राणियों की क्रिया । जीवों का व्यापार । विशेष—नैयायिकों के अनुसार प्रयत्न तीन प्रकार के होते हैं— प्रवृत्ति निवृत्ति, और जीवनयोनि । ग्रहण का व्यापार