हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

प्रतीक्षा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. किसी व्यक्ति अथवा काल के आने या किसी घटना के होने के आसरे में रहना । किसी कार्य के होने या किसी के आने की आशा में रहना । आसरा । इंतजार । प्रत्याशा । जैसे,— (क) मैं एक घटे से आपकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ । (ख) वे इस मास की समाप्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं । उ॰— डूब बची लक्ष्मी पानी में, सती आग में पैठ । जिए उर्मिला करे प्रतीक्षा, सहे सभी घर बैठ । —साकेत, पृ॰ ३१८ ।

२. किसी का भरण पोषण करना । प्रतिपालन ।

३. पूजा ।

४. संमान (को॰) ।

५. ध्यान देना । विचार । करना (को॰) ।