हिन्दी सम्पादन

शब्द व्युत्पत्ति सम्पादन

उच्चारण सम्पादन

संज्ञा सम्पादन

  1. सामाजिक नियमों, रूढ़ियों, परम्पराओं, विश्वासों, या प्रथाओं का एक समुच्चय, जो आचरण के उचित, स्वीकार्य रूपों को उल्लिखित करता हैं।
  2. आचरण के लिए अथवा व्यवहार की किसी सामान्य धारणा के लिए निजी मार्गदर्शक सिद्धान्तों का एक समुच्चय।
  3. कोई पाठ या अभिकथन, जिसमें उचित व्यवहार के बारे में सलाह शामिल है।
  4. नैतिक दर्शन, दर्शन की एक शाखा जो सही, गलत, अच्छे और बुरे के आधारों और स्वभाव का अध्ययन करती है।
  5. कोई विशेष सिद्धान्त जिसका सम्बन्ध सही, गलत, अच्छे और बुरे के आधारों और स्वभाव से है।

समानार्थी सम्पादन

विरोधार्थी सम्पादन

व्युत्पन्न शब्द सम्पादन

सम्बन्धित शब्द सम्पादन

इन्हें भी देखें सम्पादन