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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

धर्मशाला संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह मकान जो पथिकों या यात्रियों के टिकने के लिये धर्मार्थ बना हो और जिसका कुछ भाड़ा आदि न लगता हो ।

२. वह स्थान जहाँ पुण्य के लिये नियमपूर्वक दान आदि दिया जाता हो । सत्र ।

३. वह स्थान जहाँ धर्म अधर्म का निर्णय हो । न्यायालय । विचारालय ।