दउढ † वि॰ [सं॰ अधि + अर्ध] दे॰ 'डेढ़' । उ॰—दउढ़ वरस री मारुवी, त्रिहुँ वरसाँरिउ कंत । उणरउ जोबन बहि गयउ, तूँ किउँ जोबनवंत ।—ढोला॰, दू॰ ४५० ।