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अर्थ

किसी प्रकार का लड़ाई की प्रतियोगिता ।

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

दंगल संज्ञा पुं॰ [फा़॰]

१. मल्लों का युद्ध । पहलवानों की वह कुश्ती जो जोड़ बदकर हो और जिसमें जीतनेवाले को इनाम आदि मिले ।

२. अखाड़ा । मल्लयुद्ध का स्थान । मुहा॰—दंगल में उतरना = कुश्ती लड़ने के लिये अखाड़े में आना ।

३. जमावड़ा । समूह । समाज । दल । उ॰—सावन नित संतन के घर में, रति मति सियवर में । नित वसंत नित होरी मंगल, जैसी बस्ती तौसोई जंगल, दल बादल से जिनके दंगल पगे रटे की झर में ।—देवस्वामी (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—जमाना ।—बाँधना ।

४. बहुत मोटा गद्दा या तोशक । उ॰—(क) अहलकार हाथ घोकर सामने बैठे जाते थे, वह दंगल पर रहता था, खाना एक बड़ी सी कुरसी पर चुना जाता था ।—शिवप्रसाद (शब्द॰) । (ख) बावर्ची जब छुट्टी पाता हो...किसी बड़े दंगल पर पाँव फैला कर लंबा पड़ जाता ।—शिवप्रसाद (शब्द॰) ।