थिर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन
शब्दसागर सम्पादन
थिर ^१ वि॰ [सं॰ स्थिर]
१. जो चलता या हिलता डोलता न हो । ठहरा हुआ । अचल ।
२. जो अंचल न हो । शांत । धीर ।
२. जो एक ही अवस्था में रहे । स्थायी । दृढ़ । टिकाऊ ।
थिर पु † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ स्थिरा] स्थिरा । पृथ्वी । उ॰—थिर चूर हुआ कर सूर थके । छल पेख बृँदारक व्योंम छके ।— रा॰ रू॰, पृ॰ ३६ ।