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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

थाय संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थान, प्रा॰ ठाय] दे॰ 'स्थान' । उ॰—धमकंत धरनि अहि सिर निहाय । हलहलिय द्रिग्ग उद्दिग्ग थाय । षुर धूरि पूरि जुट्टिन भमित्ति । दिसि व दिसि राज पसरंत कित्ति ।—पृ॰ रा॰, १ । ६२५ ।