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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

थाप संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ स्थापन]

१. तबले, मृदंग आदि पर पूरे पंजे का आघात । थपकी । ठोंक । उ॰— सृदृढ़ मार्ग पर भी द्रुत लय में यथा मुरज की थापें है । —साकेत॰, पृ॰ ३७२ ।