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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

थाति संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ थात]

१. स्थिरता । ठहराव । टिकान । रहन । उ॰—सगुन ज्ञान विराग भक्ति सुसाधनन की पाँति । भाजि विकल विलोकि कलि अघ ऐगुनन की थाति ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. दे॰ 'थाती' ।