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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

थरना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ थुर्व हिं॰ थुरना] हथौड़ी आदि से धातु पर चोट लगाना ।

थरना ^२ संज्ञा पुं॰ सुनारों का एक औजार जिससे वे पत्तो की नक्काशी बनाती हैं ।

थरना ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ स्तर, प्रा॰ त्थर, थर] फैलना । उ॰— कारी घटा डरावनी आई । पापिनि साँपनि सी थरि छाई ।— नंद॰, ग्रं॰, पृ॰ १९१ ।