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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

थपुआ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ थपना (= पीटना)] छापन का वह खपड़ा जो चौड़ा, चौरस और चिपटा हो । अर्थात् नाली के आकार का न हो जैसी की नरिया होती है । विशेष— खपरैल में प्रायः थपुआ और नरिया दोनों का मेल होता है । दो थपुओं के जोड़ के ऊपर नरिया औंधी करके रखी जाती है ।