हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

तंक संज्ञा पुं॰ [सं॰ तड़्क]

१. भय । डर । वह दुःख जो किसी प्रिय के वियोग से हो ।

३. पत्थर काटने की टाँकी ।

४. पहनने का कपड़ा ।

५. कष्टपूर्ण जीवन । विपत्तिमय जीवन (को॰) ।