प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादन
ढासना संज्ञा पुं॰ [सं॰ √धा (= धारण करना ) + आसन]
१. वह ऊँचा वस्तु जिसपर बैठने में पीठ या शरीर का ऊपरी भाग टिक सके । सहारा । टेक । उठेगन । उ॰— वह अलिंद की एक स्तंभ का ढासना लगाकर सो गया —वै॰ न॰, पृ॰ २५४ ।
२. तकिया । शिरोपधान ।