ढहरना † क्रि॰ अ॰ [हि॰ ढार] १. लुढ़कना । गिरना । २. (किसी की ओर) गिरना झुकना या अनुकूल होना । उ॰— ढीलै सै ढए से फिरत ऐसे कौन पै ढहे हो ।—नंद॰, गं॰ पृ॰ ३५६ ।