झप्पर † संज्ञा पुं॰ [अनु॰] १. दे॰ 'झप्पड़' । २. मार । चोट । उ॰—दीनो मुहीम को भार बहादुर ढ़ागो सहै क्यों गयंद को झप्पर ।—भूषण ग्रं॰ पृ॰ ७१ ।