झक्खर पु † [हि॰ झक्कड़] झकोरा । उ॰—घर अंबर बीच वेलड़ी, तहँ लाल सुगंधा बूल । झक्खर इक माँ आयो, नानक नहीं कबूल ।—संतवाणी॰, पृ॰ ७० ।