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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

चलता ^१ वि॰ [हिं॰ चलना] [वि॰ स्त्री॰ चलती]

१. चलता हुआ । गमन करता हुआ । गतिवान् । जैसे,—चलती गाड़ी । यौ॰—चलता खाता = बैंक का वह खाता जिसका हिसाब हमेशा चालू रहता है, जब चाहे उसमें रुपया जमा किया जा सकता है और निकाला जा सकता । चलता छप्पर = छाता (फकीरों की भाषा) । चलता पुरजा = व्यवहारकुशल । चालाक । चुस्त । व्यवहारतत्पर । चलता लेखा = दे॰ 'चलता- खाता' । चलता समय = जीवन का अंतिम समय । जीवनांत । चलता समाँ =दे॰ 'चलता समय' । मुहा॰—चलता करना = (१) हटाना । भगाना । भेजना । जैसे,—(क) अबइन्हें क्यों बैठाए हो ? चलता करो । (ख) इस कागज को आज चलता करो । (२) किसी प्रकार निपटाना । झगड़ा दूर करना । जैसे,—किसी प्रकार इस मामले को चलता करो । चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना= होते हुए कार्य में बाधा डालना । चलता बनना = चल देना । प्रस्थान करना । उ॰—तुम तो वहाँ से चलते बने, पकड़े ग ए हम ।चलता होना=चल देना । प्रस्थान करना ।चलता फिरता नजर आना=चलता बनना ।

२. जिसका क्रमभंग न हुआ हो । जो बराबर जारी हो । मुहा॰—चलता लेखा या खाता=वह हिसाब जिसके संबंध का लेनदेन बराबर होता रहे और जिसकी बाकी न गिराई गई हो ।

३. जिसका चलन अधिक हो । जिसका रवाज बहुत हो । प्रचलित । उ॰—यह चलती चीज है दुकान पर रख लो । यौ॰— चलता गाना=वह गाना जो शुद्बु राग रागनियों के अत- र्गत न हो, पर जिसका प्रचार सर्वसाधारण में हो । जैसे,— दादरा, लावनी इत्यादि ।

४. काम करने योग्य । जो असक्त न हुआ हो । जैसे, चलता बैल ।

५. व्यवहार में तत्पर । व्यवहारपटु । चालाक । चुस्त ।

चलता ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰]

१. एक प्रकार का सदाबहार पेड़ जिसकी लकड़ी चिकनी, बहुत मजबूत और अंदर से लाल होती है । विशेष—यह बंगाल, मदरास और मध्यभारत में बहुत अधिकता से उत्पन्न होता है । इसकी लकड़ी प्राय: इमारत में काम आती है और पानी में जल्दी नहीं सड़ती । इसके पुराने पत्तों से हाथीदाँत साफ किया जाता है । इसमें बेल के आकार का बड़ा फल लगता है जो कच्चा भी खाया जाता है और जिसकी तरकारी भी बनती है । फल में रेशा बहुत अधिक होता है इसलिये उसे कच्चा या तरकारी बनने पर चूस चूस कर खाते हैं ।

२. रास्ते में वह स्थान जहाँ फिसलन और कीचड़ बहुत अधिक हो । (कहारों की परि॰) ।

३. कवच । झिलम ।

चलता ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] चल होने का भाव । चंचलता । अस्थिरता ।