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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

कलजुग संज्ञा पुं॰ [सं॰ कलियुग] दे॰ 'कलियुग' । उ॰—दिवस न भूख रैन नहीं सुख है जैसे कलजुग जाम ।—कबीर श॰, भा॰ १, पृ॰ ७४ ।