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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

कथन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कहना । बखान । बात । उक्ति । यौ॰—कथनानुसार ।

२. उपन्यास का एक भेद । विशेष—इसमें पूर्वेपीठिका और उत्तरपीठिका नहीं होती, पर कहनेवाले के नाम आदि का पता प्रसंग से चल जाता है । कहनेवाला अचानक कथा प्रारंभ करता है और कहनेवाले की वक्तृता की समाप्ति के साथ ग्रंथ समाप्त हो जाता है ।