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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

ऐस ^१ पु † वि॰ [हिं॰] दे॰ 'ऐसा' । उ॰—आस न, बास न, मानुष अंडा । भए चौखँड जो ऐस पखंडा ।—जायसी ग्रं॰ पृ॰ ३०४ ।

ऐस ^२ संज्ञा दे॰ [अ॰ ऐश ] दे॰ 'ऐश' । उ॰—सजन लगी है । कछु कबहूँ सिंगारन को, तजन लगी है कहुँ ऐस बैस बारी की— पद्माकर ग्रं॰, पृ॰ २०१ ।