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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

उपक्रम संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कार्यारंभ की पहली अवस्था । प्रथमा— रंभ । अनुष्ठान । उठान ।

२. किसी कार्य को आरंभ करने के पहले का आयोजन । योजना । तैयारी । क्रि॰ प्र॰—करना ।

३. भूमिका । तमहीद । क्रि॰ प्र॰—बाँधना ।

४. चिकित्सा । इलाज ।

५. समीप जाना (को॰) ।

६. प्रस्तावना । पूर्ववचन (को॰) ।

७. शुश्रूषा (को॰) ।

८. सत्य का परीक्षण या सचाई की जाँच (को) ।

९. वह संस्कार जो वेदारंभ के पूर्व किया जाता था [को॰] ।