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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

इकतरा पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ एकान्तर] वह ज्वर जो जाडा देकर एक दिन छोड दूसरे दिन आता है । अँतरिया । उ॰—बड दुख होई इकतरौ आवै । तीन उपास न बल तन खावै ।—लाल (शब्द॰) ।