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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

आटा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ आर्द=जोर से दाबना, प्रा॰ * अट्ट]

१. किसी अन्न का चूर्ण । पिसान । चून ।

२. पिसा हुआ गेहू या जौ । मुहा॰—कंगाली या गरीबी में आटा गीला होना=धन की कमी के समय पास से कुछ और जाता रहना । आटा दाल का भाव मालूम होना=संसार के व्यवहार का ज्ञान होना । आटा दाल की फिक्र=जीविका की चिंता । आटे का आपा=भोली स्त्री । अत्यंत सीधी सादी स्त्री । आटा माटी होना=नष्ट भ्रष्ट होना ।

३. किसी वस्तु का चूर्ण । बुकनी ।